लेखनी कहानी -23-Sep-2024
कभी ताने कभी गाली कभी रुसवाई दामन में मेरी किस्मत है कुछ खोटी,है बस तन्हाई दामन में
कोई मेरा हुआ ना मैं,सभी का हो गया पल में मिले हैं दाग हर एक से,चोट बस आई दामन में
सुबह की धूप दोपहर की,जलाए चाँद की ठंडक जल रहा आग सा पल पल,आग बस पाई दामन में
बुरा इतना तो ना था मैं,के जितना दिख रहा सबको भलाई हो गयी पानी,छुपी अच्छाई दामन में
बची जितनी भी है जी ले,तड़प ले,रो ले,मुस्का ले तेरा तू भी नहीं सचिन,ना दिल सौदाई दामन में
© सचिन गोयल गन्नौर शहर,सोनीपत Insta@,, Burning_tears_797
Arti khamborkar
19-Dec-2024 03:44 PM
amazing
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HARSHADA GOSAVI
06-Dec-2024 11:59 PM
V nice
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